Is fire state of matter ? क्या आग एक पदार्थ है ?
आग क्या है ? यह प्रश्न शायद ही किसी के दिमाग में आये पर सर घुमा देने वाला है यह प्रश्न | वास्तव में आग ठोस द्रव अथवा गैस में से कोई अवस्था नहीं है | पदार्थ प्रकृति के अभिन्न अंग हैं , प्रकृति में अलग अलग तरह के और अजीब तरह के पदार्थ पाए जाते हैं पर उनका मूल स्वरूप कहीं न कहीं ठोस , द्रव और गैस में से एक ही होता हैं |
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परन्तु अगर मैं कहूँ की आग न तो ठोस है न द्रव और न ही गैस तो यक़ीनन आप आश्चर्य में पड़ जायेंगे , ये कोई मजाक नहीं अपितु सत्य है | आग पदार्थ का वह चौथा स्वरूप हैं जिसे आपने शायद न पढ़ा होगा और न जाना होगा | आग को समझने के लिए आइये जानते हैं की पदार्थ क्या है ?
द्रव किसी भी मेजबान वस्तु का आकार ले सकता है जैसे पानी , तेल आदि ,द्रव के अणु ठोस की तुलना में कम घनत्व वाले होते हैं | द्रव के अणु घनत्व में कम होने के कारण एक दुसरे से चिपक नहीं पाते और इस तरह ये उस बर्तन का आकार ले लेते हैं जिसमें ये रखे जाते हैं |
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गैस के अणुओं का घनत्व सबसे कम होता है इसलिए ये ऊपर की और उठती हैं जैसे ऑक्सीजन , नाइट्रोजन आदि | ये भी द्रव की तरह अपने बर्तन का आकार ले लेती हैं जिसमें ये रखी जाती हैं |
अब प्रश्न ये उठता है की आग इनमें से कौन सा पदार्थ है | क्योंकि ठोस तो आग है नहीं , और न ही गैस है और न ही द्रव | आग से फोटोन निकलता है जबकि ठोस, द्रव और गैस में से कोई भी फोटोन नहीं निकलता | इसके अतिरिक्त पदार्थ के अन्य सभी स्वरूपों में अणु होते हैं परन्तु आग का निर्माण अणुओं के बदले हुए स्वरूप में होता है | आग हमेशा किसी न किसी ज्वलनशील पदार्थ पर निर्भर रहती है , ऐसे में आग का मूल अस्तित्व नहीं होता है |
क्या बन्दर मनुष्यों के पूर्वज थे
हम जो साधारण आग देखते हैं उसमें काफी अधिक मात्रा में अणु आयनित होते हैं जिससे आग का एक बड़ा हिस्सा दृश्य होता है । लेकिन बहुत अधिक गर्म चीजें आमतौर पर जो दृश्य नहीं होती जैसे कि लपटें, वे प्लाज्मा कहलाती हैं ।
वाइट होल क्या होते हैं
प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग इसका एक बेहतर उदाहरण है , एक प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग में एक छोटे से यंत्र से करीब 20000℃ तक का तापमान बनता है । और जैसे ही एक वेल्डर उस यंत्र को लोहे से टकराता है तो लोहे का एक छोटा सा भाग पिघल कर उस दूसरे यंत्र में जुड़ जाता है और साथ ही भयंकर प्रकाश उत्पन्न होता है जो वेल्डिंग करने वाले व्यक्ति को अंधा बना सकता है ।
इस अभिक्रिया से उत्पन्न होने वाला प्रकाश पराबैंगनी या अल्ट्रा वायलेट होती है जो पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न होने पर वेल्डिंग करने वाले व्यक्ति को अंधा बना सकती हैं और त्वचा के ऊतकों को भारी नुकसान पहुँचा सकती हैं । यहां तक कि आसपास खड़े लोगों को भी वह नुकसान पहुंचा सकती है । क्या आपको लगता है एक मोमबत्ती का प्रकाश और गर्मी इतनी प्रबल हो सकती है ।
संदर्भ :- यहां पर क्लिक करें ।
इस विषय में अपनी राय कमेंट में अवश्य बताएं ।
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परन्तु अगर मैं कहूँ की आग न तो ठोस है न द्रव और न ही गैस तो यक़ीनन आप आश्चर्य में पड़ जायेंगे , ये कोई मजाक नहीं अपितु सत्य है | आग पदार्थ का वह चौथा स्वरूप हैं जिसे आपने शायद न पढ़ा होगा और न जाना होगा | आग को समझने के लिए आइये जानते हैं की पदार्थ क्या है ?
पदार्थ क्या है ? what is matter
हमारे आस पास दिखाई देने वाली प्रत्येक वस्तु , द्रव और गैस के रूप में पायी जाती है । हम अपने आस पास जिन चीजों को देखते हैं एवं महसूस करते हैं उनमें से प्रायः कोई ठोस , द्रव और गैसे होती हैं | हर वो वस्तु जिसे हम देख सकते हैं और छू सकते हैं , हम अपनी इच्छा के अनुसार उसका आकार बदल सकते हैं वो ठोस होता है | किसी दुसरे पदार्थ से ठोस के अणु घनत्व में अधिक होते हैं इसलिए ठोस किसी अन्य पदार्थ से भारी होता है |द्रव किसी भी मेजबान वस्तु का आकार ले सकता है जैसे पानी , तेल आदि ,द्रव के अणु ठोस की तुलना में कम घनत्व वाले होते हैं | द्रव के अणु घनत्व में कम होने के कारण एक दुसरे से चिपक नहीं पाते और इस तरह ये उस बर्तन का आकार ले लेते हैं जिसमें ये रखे जाते हैं |
मौत से लड़ने वाले वैज्ञानिक स्टीफेन हाकिंग की कहानी
गैस के अणुओं का घनत्व सबसे कम होता है इसलिए ये ऊपर की और उठती हैं जैसे ऑक्सीजन , नाइट्रोजन आदि | ये भी द्रव की तरह अपने बर्तन का आकार ले लेती हैं जिसमें ये रखी जाती हैं |
अब प्रश्न ये उठता है की आग इनमें से कौन सा पदार्थ है | क्योंकि ठोस तो आग है नहीं , और न ही गैस है और न ही द्रव | आग से फोटोन निकलता है जबकि ठोस, द्रव और गैस में से कोई भी फोटोन नहीं निकलता | इसके अतिरिक्त पदार्थ के अन्य सभी स्वरूपों में अणु होते हैं परन्तु आग का निर्माण अणुओं के बदले हुए स्वरूप में होता है | आग हमेशा किसी न किसी ज्वलनशील पदार्थ पर निर्भर रहती है , ऐसे में आग का मूल अस्तित्व नहीं होता है |
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आग किस प्रकार का पदार्थ है ?
वास्तव में आग एक ऑक्सिकरण अभिक्रिया है जो गर्मी और प्रकाश निकालती है । जब भी आप एक जलती हुई आग देखते हैं तो इसका अर्थ है कि गैस एक अभिक्रिया कर रही है जो प्रकाश और गर्मी उत्पन्न करती है । आग में ज्यादातर भाग प्लाज्मा होता है जिसे पदार्थ का चौथा प्रकार माना जाता है ।प्लास्मा गैसें हैं जिनमें अणुओं का एक बड़ा अंश आयनित होता है।हम जो साधारण आग देखते हैं उसमें काफी अधिक मात्रा में अणु आयनित होते हैं जिससे आग का एक बड़ा हिस्सा दृश्य होता है । लेकिन बहुत अधिक गर्म चीजें आमतौर पर जो दृश्य नहीं होती जैसे कि लपटें, वे प्लाज्मा कहलाती हैं ।
प्लाज्मा और गैस में अंतर
आमतौर पर आयनित गैस और प्लाज्मा दोनों ही प्रकाश उत्पन्न करती हैं पर कमजोर आग जिसे हम देखते हैं वह देखने में आकार में बड़ी हो सकती है पर वह आयनित गैसों का स्वरूप होती है । परंतु प्लाज्मा आकार में छोटी लेकिन शक्ति में अधिक होती है ।वाइट होल क्या होते हैं
प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग इसका एक बेहतर उदाहरण है , एक प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग में एक छोटे से यंत्र से करीब 20000℃ तक का तापमान बनता है । और जैसे ही एक वेल्डर उस यंत्र को लोहे से टकराता है तो लोहे का एक छोटा सा भाग पिघल कर उस दूसरे यंत्र में जुड़ जाता है और साथ ही भयंकर प्रकाश उत्पन्न होता है जो वेल्डिंग करने वाले व्यक्ति को अंधा बना सकता है ।
इस अभिक्रिया से उत्पन्न होने वाला प्रकाश पराबैंगनी या अल्ट्रा वायलेट होती है जो पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न होने पर वेल्डिंग करने वाले व्यक्ति को अंधा बना सकती हैं और त्वचा के ऊतकों को भारी नुकसान पहुँचा सकती हैं । यहां तक कि आसपास खड़े लोगों को भी वह नुकसान पहुंचा सकती है । क्या आपको लगता है एक मोमबत्ती का प्रकाश और गर्मी इतनी प्रबल हो सकती है ।
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Aag kaise banti hai thos drav ya gas
जवाब देंहटाएंYe plasma hoti hai
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