Rabies ( रैबीज ) का नाम प्रायः अधिकतर आपने सुना होगा लेकिन आपको ये बात शायद ही मालूम होगी की रैबीज किसे कहते हैं ? हम आपके लिए लेकर आए हैं एक ऐसी जानकारी जो आपको हैरान कर देगी । विशेष रुप से कुत्तों के काटने पर होने वाली इस बीमारी के बारे में आइए जानते हैं ।
रेबीज (Rabies ) किसे कहते हैं ??
कोरोना वायरस के आने के बाद से वायरस के बारे में तो आप तो काफी कुछ जान ही गए होंगे, अगर नहीं तो चिंता मत कीजिए । हम आपके लिए विस्तृत जानकारी लेकर आए हैं ।
दरअसल वायरस एक सूक्ष्मतम प्राणी है जिसे नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता । ये जीवित प्राणियों में सबसे सूक्ष्म प्राणी होते हैं । इन्हे माइक्रोस्कोप से भी देख पाना बहुत ही कठिन होता है ।
इनके इतने सूक्ष्म रूप में होने के कारण इनका पता लगा पाना और इलाज करना लगभग असम्भव हो जाता है । इसी कारण से वायरस से होने वाली ज्यादातर बीमारियां लाइलाज या बेहद कठिन रूप से उपचार की जा पाती हैं ।
ज्यादातर वायरस का इलाज वैक्सीन के माध्यम से किया जाता है । वैक्सीन इंजेक्शन के माध्यम से मनुष्य के शरीर में डाली जाती है । वैक्सीन के क्रिया कलाप के बारे में आइए जानते हैं ।
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जैसे की यदि किसी को हैपेटाइटिस या रेबीज की बीमारी हो सकती है उसके लिए उस व्यक्ति को संक्रमित होने से बचाने के लिए उसे रेबीज के ही वायरस को मनुष्य के शरीर में डाला जा सके जिससे उस वायरस के बारे में शरीर को जानकारी हो जाए और शरीर ऐसे वायरस से लड़ सके ।
रेबीज की बीमारी कैसे होती है ?
रेबीज एक प्रकार का सूक्ष्म जीव है जो माइक्रोस्कोप से भी देखना लगभग असम्भव है । परंतु ये वायरस शरीर के अंगों को संक्रमित कर बेहद घातक सिद्ध हो सकता है ।
रेबीज स्वतः में कोई बीमारी नहीं लेकिन एक वायरस है जो अन्य घातक बीमारियों को जन्म देती है जैसे - सिर दर्द, बुखार, अत्यधिक लार बहना, लकवा, दिमागी संतुलन बिगड़ना, हाइड्रो फोबिया ( पानी से डर लगना ) आदि । रेबीज के विभिन्न लक्षण पाए जाते हैं । आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं ।
रेबीज के लक्षण क्या हैं ?
यह विषाणु मस्तिष्क को बुरी तरह प्रभावित करता है जिससे मस्तिष्क में सूजन आ जाती है और शरीर में इसका बेहद बुरा प्रभाव पड़ता है यहां तक कि शरीर लकवाग्रस्त भी हो सकता है ।
हाइड्रो फोबिया का अर्थ होता है पानी से डर लगना , ठीक उसी प्रकार संक्रमित व्यक्ति को हाइड्रो फोबिया होने पर वो व्यक्ति पानी से बहुत अधिक डरने लगता है और यहां तक कि एक गिलास पानी भी उसको बेहद भयानक लगता है और वह एक गिलास पानी से भी डर जाता है ।
इस कारण से मरीज पानी तक पीना छोड़ देता है । ऐसे में उस व्यक्ति की डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी से मृत्यु तक हो जाती है ।
क्योंकि ये वायरस मस्तिष्क को बहुत अधिक प्रभावित करता है इन सब के अतिरिक्त संक्रमित व्यक्ति का मस्तिष्क आंशिक या पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो जाता है जिससे ब्रेन डेड, दिवास्वप्न , हैलिसिनेशन यानी मस्तिष्क में आने वाले अजीबोगरीब दृश्य और साथ ही साथ कोमा में जाने जैसी समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं ।
कुत्ते के काटने के कितने दिन में रेबीज फैलता है ?
ये वायरस एक धीमे कार्यप्रणाली के आधार पर काम करते हैं जो समय के साथ साथ विकसित होकर संक्रमित व्यक्ति या जानवर को समय अंतराल के बाद बीमार बनाते हैं ।
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रेबीज का इलाज कैसे होता है ?
रेबीज के इलाज के लिए रेबीज इम्यूनो ग्लोबिलिन नामक वैक्सीन आती है जिसे आप किसी भी सरकारी अस्पताल में लगवा सकते हैं ।
रेबीज इंजेक्शन टाइम टेबल
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