Mitochondria जीव विज्ञान और प्राणी विज्ञान का अहम हिस्सा है । इस पोस्ट में हम जानेंगे माइटोकॉन्ड्रिया किसे कहते हैं ? Mitochondria कहां पाया जाता है ? माइटोकॉन्ड्रिया की खोज किसने की ? माइटोकॉन्ड्रिया के कितने भाग होते हैं ? माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना का वर्णन , माइटोकॉन्ड्रिया का संबंध किस से है ? माइटोकॉन्ड्रिया के तीन कार्य , कोशिका में कितने माइटोकॉन्ड्रिया पाए जाते हैं आदि ।
आइए सबसे पहले जानते हैं -
माइटोकांड्रिया किसे कहते हैं ? What is mitochondria in hindi
Mitochondria प्रत्येक कोशिका में पाया जाने वाला वह अवयव है जो ऊर्जा संचरण का काम करता है । यह ग्लूकोज से ऊर्जा प्राप्त कर कोशिका के माध्यम से ऊर्जा को शरीर के अन्य भागों तक पहुंचाता है इसीलिए इसे कोशिका का पावरहाउस भी कहा जाता है।
|
Mitochondria का बाहरी हिस्सा |
माइटोकॉन्ड्रिया कहां पाया जाता है ?
माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका के द्रव्य में पाया जाता है । यह कोशिका का उपभाग होता है और माइक्रोस्कोप से देखने पर या गोल और अंडाकार दिखाई देते हैं ।
माइटोकॉन्ड्रिया की खोज किसने की थी
माइटोकॉन्ड्रिया की खोज 1857 में स्विस वैज्ञानिक अल्बर्ट वान कोलिकर द्वारा की गई थी । वैज्ञानिक शोध में वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी उत्पत्ति 1.45 अरब साल पहले एंडो सिंबायोसिस के कारण हुआ था ।
आइए जानते हैं कुछ अन्य mitochondrea in hindi के भाग जैसे की mitochondrea के भाग ।
कुछ अन्य पोस्ट -
माइटोकॉन्ड्रिया के कितने भाग होते हैं ?
माइटोकॉन्ड्रिया के मुख्य रूप से 5 भाग होते हैं -
- आउटर मेंब्रेन ( बाह्य झिल्ली )
- इंटर मेंब्रेन स्पेस ( झिल्ली के मध्य स्थान )
- इनर मेंबरेन ( आंतरिक झिल्ली )
- क्रिस्टी
- मैट्रिक्स
|
माइटोकॉन्ड्रिया की अंतरिक संरचना |
Mitochondria की संरचना का वर्णन
आउटर मेंबरेन
आउटर मेंबरेन अर्थात बाह्य झिल्ली माइटोकॉन्ड्रिया का वह भाग होता है जो माइटोकॉन्ड्रिया को एक ढांचा प्रदान करता है । जिस प्रकार हमारे शरीर में बाहरी त्वचा हमारे शरीर को एक ढांचा प्रदान करती है तो हम आउटर मेंबरेन को कोशिका का बाहरी ढांचा भी कह सकते हैं ।
इंटर मेंबरेन स्पेस
आउटर मेंबरेन और इनर मेंबरेन के मध्य के स्थान को इंटर मेंबरेन स्पेस कहा जाता है । यह दोनों के मध्य में पाया जाने वाला खाली स्थान है ।
इनर मेंबरेन
यह झिल्ली का अंतरिक हिस्सा है जो इसके अंदरूनी भाग को बाहरी भाग से जोड़ने का काम करता है । Mitochondria का यह भाग पार गम्य होता है यानी कार्बन डाइऑक्साइड, ग्लूकोज पानी और ऑक्सीजन इसके आर पार जा सकते हैं और माइटोकॉन्ड्रिया के कार्य करने में सहायक होती है ।
क्रिस्टी
माइटोकॉन्ड्रिया के बीच में स्प्रिंग जैसी झुर्रियां होती हैं इन झुर्रियो को क्रिस्टी ( Cristae ) कहा जाता है । ये स्प्रिंग जैसे मोड़ जिसे क्रिस्टी कहा जाता है , माइटोकॉन्ड्रिया के क्षेत्रफल को बढ़ाने का काम करते हैं ।
मैट्रिक्स
यदि आप किसी स्प्रिंग को ध्यान से देखेंगे तो आपको दिखेगा की प्रत्येक स्प्रिंग और उसके समांतर दूसरी स्प्रिंग के बीच जो स्थान होता है उसी प्रकार माइटोकॉन्ड्रिया का वह भाग होता है जहां क्रिस्टी के प्रत्येक मोड़ पर मोड़ के मध्य स्थान जहां से दूसरे क्रिस्टी की समांतर भाग के बीच जो मुड़ा हुआ स्थान होता है उसे मैट्रिक्स कहते हैं । माइटोकॉन्ड्रिया के मैट्रिक्स वाले भाग में mitochondrea के मुख्य अवयव जैसे की जीनोम डीएनए, प्रोटीन, राइबोसोम एंजाइम आदि पाए जाते हैं ।
|
Credit- Wikimedia |
कुछ अन्य पोस्ट -
Mitochondria का संबंध किससे है ?
माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका से संबंधित है जो कोशिका के माध्यम से ऊर्जा को शरीर में फैलाता है । जीव विज्ञान में कोशिका बहुत ही मुख्य भूमिका निभाती है एवं कोशिका के अंदर पाए जाने वाले भागों में से माइटोकॉन्ड्रिया एक है ।
माइटोकॉन्ड्रिया के तीन काम
माइटोकॉन्ड्रिया के तीन काम निम्न लिखित हैं -
- भोजन से प्राप्त पदार्थों को ऊर्जा में बदलना
- भोजन से प्राप्त पदार्थों को शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट में परिवर्तित करना ।
- शरीर से उत्सर्जित पदार्थों को बाहर निकालना ।
कोशिका में कितने माइटोकॉन्ड्रिया पाए जाते हैं?
कोशिका में लगभग एक लाख से लेकर 6 लाख तक माइटोकॉन्ड्रिया पाए जाते हैं । हालांकि कोशिका भी ऐसा भाग है जो माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है लेकिन ये कोशिका के भी उप भाग होते हैं जो कोशिका से अत्यंत छोटे होते हैं ।
माइटोकॉन्ड्रिया को हिंदी में सूत्र कणिका कहा जाता है ।
उम्मीद है ये पोस्ट आपको पसंद आई होगी , किसी भी प्रकार के प्रश्न एवं सुझाव के लिए कॉमेंट बॉक्स में आपका कॉमेंट वांछनीय है । अन्य पोस्ट पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
किसी भी पूछताछ या सुझाव के लिए हमें सम्पर्क करें