दोस्तों क्या आप जानते हैं, कि टेलिस्कोप क्या होता है, Telescope किस तरह से काम करता है, तथा टेलिस्कोप का आविष्कार किसने किया था। यदि आपको इस सवाल का जवाब मालमू नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसके बारे में सपंर्णू जानकारी देने वाले हैं।
Telescope क्या होता है?
सबसे पहले हम इस विषय पर बात करते हैं कि आखिर टेलीस्कोप क्या होता है, तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दें कि यह ऐसा यत्रं होता है, जिसका उपयोग दूर की चीजों को देखने के लिए किया जाता है, इसके अंंतरगत अलग-अलग प्रकार के लेंस लगे हुए होते हैं, और उनकी सहायता से दूर स्थित वस्तुओं को आसानी से स्पष्ट देख सकते हैं, तथा वह हमें बड़े आकार के दिखाई देती है।अगर उदाहरण के तौर पर बात की जाए तो, जिन लोगों का स्पेस में इंटरेस्ट होता है, उनके पास Telescope हमें देखने को मिलता है या फिर वैज्ञानिकों के पास हमें अक्सर टेलीस्कोप देखने को मिलता है, जिसके माध्यम से वह स्पेस में स्थित अलग-अलग ऑब्जेक्ट को देखने के लिए टेलि स्कोप का इस्तेमाल करते हैं ।
उनकी स्टडी करने के लिए भी टेलि स्कोप का उपयोग किया जाता है। यदि किसी भी व्यक्ति को चांद को स्पष्ट रूप से देखना होता है कि आखिर चांद का सरफेस किस तरह का होता है, इसके अलावा चांद के ऊपर क्या-क्या मौजदू है, तो वह टेलिस्कोप के माध्यम से आसानी से देख सकता है, क्योंकि टेलीस्कोप उन सारी चीजों को स्पष्ट रूप से बड़े आकार में दिखता है, लेकिन हम अपनी आंखों से यह सारी चीज नहीं देख पाते हैं।
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Telescope का आविष्कार किसने किया था ?
अगर बात की जाए कि टेलिस्कोप का आविष्कार किसने किया था, तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं इसका आविष्कार सन 1600 के आस पास “Hans Lippershey” के द्वारा किया गया था।टेलिस्कोप कैसे काम करता है?
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि हमारी आंखें के अंदर लेंस पाए जाते हैं, तथा उन्हें लेंस की सहायता से हम अपने चारों तरफ की चीजों को देख पाते हैं, परंतु हमारी आंखों के अंदर स्थित लेंस काफी छोटे होते हैं, तो उनसे हम अपने चारों तरफ की सीमित चीजों को ही देख पाते हैं, इसके अलावा हम एक लेवल तक की स्पष्ट रूप से देख पाते हैं, उसके बाद से हमें चीज स्पष्ट दिखाई नहीं देती है।
उदाहरण के लिए हम चांद को पृथ्वी से देख तो सकते हैं लेकिन हम वहां पर यह नहीं देख पाते हैं, कि चांद पर क्या-क्या चीज स्थित है ।कितने गड्डे वहां पर स्थित हैं, या फिर अन्य किसी ग्रह का भी आप उदाहरण ले सकते हैं, वहीं इसके विपरीत यदि हमारे आंख के लेंस को बड़ा कर दिया जाता है, तो हम काफी सारी चीज देख सकते हैं तथा उनका स्पष्ट रूप से देख सकते हैं।
इसी आधार पर Telescope भी काम करता है, टेलिस्कोप के अंदर लेंस लगाए जाते हैं, तथा उसे लेंस के माध्यम से ही दूर की वस्तओु को हम पास में देख सकते हैं।
टेलि स्कोप के प्रकार
दोस्तों हमें मुख्य रूप से दो प्रकार के Telescope देखने को मिलते हैं, जिनके बारे में विस्ततृ जानकारी निम्न प्रकार से है:-यह एक प्रकार का ऑप्टिकल टेलीस्कोप होता है, जिसका उपयोग इमेज बनाने के लिए अक्सर किया जाता है, और इसके उपयोग किए जाने वाले लेंस को ऑब्जेक्टिव लेंस कहा जाता है।
इस प्रकार के टेलिस्कोप के अंतर्गत हमें डायमीटर का भी छोटा देखने को मिलता है, इसमें प्रकाश को एकत्रित करने की क्षमता होती है। यह Telescope वजन में काफी हल्का होता है, तो इस कारण आप इसको कहीं पर भी ले जा सकते है। इसका उपयोग मुख्य रूप से फोटोग्राफी के में किया जाता है।
यह Telescope वजन में काफी भारी होता है, तथा साइज भी इसका काफी बड़ा होता है, खगोलीय विज्ञान के क्षेत्र में इसका काफी अहम उपयोग किया जाता है, जिसमें किसी भी ट्यबू में धूल , मिट्टी इसके अलावा अलग-अलग एलिमेंट्स का अध्ययन करने के लिए इसका उपयोग काफी ज्यादा किया जाता है।
आपने इन दिनों टेलिस्कोप में एक बहुचर्चित नाम जेम्स वेब टेलिस्कोप सुना होगा
निष्कर्ष
तो दोस्तों इस पोस्ट के माध्यम से आपने जाना कि Telescope क्या होता है, Telescope का आविष्कार किसने किया था टेलीस्कोप कैसे काम करता है, इसके अलावा हमें कितने प्रकार के टेलीस्कोप देखने को मिलते हैं।हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया सीखनेको मिला है।
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